Ghazal Sher
सोमवार, 11 अप्रैल 2016
जहाँ रहेगा वही रोशनी लुटायेगा
जहाँ रहेगा वही रोशनी लुटायेगा ,
किसी चिराग का कोई मका न ही होता !
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